बोलो आखिर कब तक ये सिलसिला चलेगा, कब स्कूल की मस्ती का वो बुलबुला मिलेगा। बोलो आखिर कब तक ये सिलसिला चलेगा, कब स्कूल की मस्ती का वो बुलबुला मिलेगा।
मन मेरा उन सुनहरी यादों के साये में गोते लगाता है , मन मेरा उन सुनहरी यादों के साये में गोते लगाता है ,
सुहानी हवाओं के साथ रास्ते आसां हो जायेंगे सुहानी हवाओं के साथ रास्ते आसां हो जायेंगे
ख्वाब थे सुहाने, मस्ती के हुआ, करते थे अफ़साने। ख्वाब थे सुहाने, मस्ती के हुआ, करते थे अफ़साने।
कक्षा में हम जा पहुँचे आ गये रामलाल जी सर हिन्दी क्या बयां करे जब वो खुद है साहित्यसागर कक्षा में हम जा पहुँचे आ गये रामलाल जी सर हिन्दी क्या बयां करे जब वो खुद है साहि...
अब भी मिलती है प्यारी दोस्त वो उसकी हँसी और निखरती जाती है। अब भी मिलती है प्यारी दोस्त वो उसकी हँसी और निखरती जाती है।